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केशव कल्चर : साहित्य, कला और संस्कृति का अनूठा संगम

भोपाल/दिल्ली, प्रतिनिधि।
फरवरी 2022 में स्थापित केशव कल्चर ने अल्प समय में साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। संस्था का उद्देश्य रचनात्मक प्रतिभाओं को साझा मंच प्रदान करना और समाज में मानवीय रिश्तों को सुदृढ़ करना है।

संस्था ने वर्ष 2022 में 14 दिवसीय फाग महोत्सव का आयोजन कर कवियों, कलाकारों और संगीतज्ञों को एक साथ जोड़ा। प्रसादम् और रंगी मैं श्याम रंग जैसी पुस्तकों का विमोचन कर इन्हें वृद्धाश्रमों में निःशुल्क वितरित किया गया तथा आर्थिक सहयोग भी दिया गया। भोपाल में निर्दलीय समाचार की 60वीं वर्षगांठ पर “पाती” और “छप्पन भोग” का विमोचन किया गया।

2023 में मकर संक्रांति पर माँ कमली बाई वृद्धाश्रम में पुस्तक विमोचन, कवि गोष्ठी और दान कार्य संपन्न हुआ।

2024 में बांग भवन, दिल्ली में डॉ. दीप्ति शुक्ला ने वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश खांडवेकर एवं विश्वविख्यात कथक नृत्यांगना ममता बिरजू महाराज के साथ अनेक रचनाकारों का सम्मान किया। संस्था ने नचिकेता (कठोपनिषद) और बाल सुलभ विषय पर एनीमेशन और आधुनिक तकनीक के माध्यम से नवाचार भी प्रस्तुत किया।

2025 में वात्सल्य संस्था द्वारा “मीरा बाई सम्मान” एवं “साहित्य सरिता” का लोकार्पण भी संपन्न हुआ।

विश्व पुस्तक मेला 2025 में पिया बावरी, मेरे सीपी मेरे मोती, कथालोक, आत्म मंथन, प्रतिध्वनि, छोटे कदम बड़े सपने और गुनगुनाती ग़ज़लें जैसी कृतियों का लोकार्पण हुआ। संस्था बाल साहित्य के क्षेत्र में भी रंगीन, आकर्षक पुस्तकों तथा AI आधारित एनीमेटेड ऑडियो-वीडियो का निर्माण कर रही है।
बाल साहित्य में – “मधुर मुस्कान भाग 1, भाग 2, सपनों की उड़ान” जैसी रंगीन पुस्तकों एवं AI आधारित एनीमेटेड ऑडियो-वीडियो का निर्माण भी जारी है।

वर्तमान में केशव कल्चर डॉ. नीरज चौधरी “नीर” के साथ मिलकर दुर्लभ पौराणिक व आध्यात्मिक साहित्य का पुनर्जीवन कर रहा है तथा गीत “राधा माधव” और “करुणामयी श्री राधे” को संगीतबद्ध विज़ुअल AI के माध्यम से प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहा है।

संस्था द्वारा “समष्टि”, “प्रसादम्”, “पाती”, “फागुन आयो रे”, “प्रेमावलंबन”, “तेरा सहारा” आदि कृतियाँ प्रकाशित की जा चुकी हैं। इनमें “तेरा सहारा” विशेष है, जिसमें वरिष्ठ और नवोदित रचनाकारों को एक साथ स्थान दिया गया है।

डॉ. दीप्ति शुक्ला के मार्गदर्शन में संस्था नवोदित कवियों को अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर रही है और वरिष्ठ रचनाकारों का सम्मान भी कर रही है। हाल ही में उन्हें भागीरथी हिन्दी विद्यापीठ एवं शोध संस्थान द्वारा हिन्दी साहित्य और समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान हेतु “मानद उपाधि – साहित्य भूषण” से सम्मानित किया गया।

संस्था का दृष्टिकोण है कि साहित्य और संस्कृति तभी सार्थक हैं जब वे पारिवारिक और मानवीय रिश्तों से जुड़े हों। यही कारण है कि केशव कल्चर कवियों के साक्षात्कार, निःशुल्क पुस्तक समीक्षा और रचनात्मक सहयोग द्वारा साहित्य जगत को नई दिशा दे रहा है।

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