उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा आत्म स्वामित्व के शारदीय नवरात्रि पर विशेष कार्यक्रम सम्पन्न

उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा नवरात्रि के पावन अवसर पर नवरात्रि विशेष काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस अनूठे कार्यक्रम में माँ दुर्गा के नौ रूपों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी रचनाकारों ने अपने-अपने अंदाज़ में गीतों और कविताओं के माध्यम से माँ की वंदना की। विशेष आकर्षण यह रहा कि प्रत्येक रचनाकार ने माँ के प्रिय रंग के वस्त्र धारण कर मंच की गरिमा प्रदान की।

पहले दिन माँ शैलपुत्री पर डॉ. दवीना अमर ठकराल देविका द्वारा प्रदत्त विषय पर 19 रचनाकारों ने भाग लिया। क्रमशः माँ ब्रह्मचारिणी 24 रचनाकार, माँ चंद्रघंटा पर 35 रचनाकार, माँ कुष्मांडा पर 23 रचनाकार, माँ स्कंदमाता पर 20 रचनाकार, माँ कात्यायनी के धूसर रंग में 26 रचनाकार, माँ कालरात्रि के नारंगी रंग की प्रतीकात्मक प्रस्तुति पर 29 रचनाकार, माँ महागौरी पर 20 तथा माँ सिद्धिदात्री पर 29 रचनाकारों ने अपनी भावनाओं को साझा किया।
मंच अध्यक्षा, संस्थापिका, संचालिका व संयोजिका
डॉ दवीना अमर ठकराल देविका ने प्रतिदिन प्रातः काल की मंगल बेला में लाइव उपस्थित होकर माता का गुणगान करते हुए प्रत्येक रचनाकार की रचना को पढ़कर, सराह कर माता के परम प्रिय भक्तों का उत्साहवर्धन किया।
साप्ताहिक कार्यक्रम में सुरेशचन्द्र जोशी सहयोगी द्वारा प्रदत्त विषय नवरात्रि या दशहरा से जुड़ा संस्मरण रहा, जिस पर 21 रचनाकारों ने अपनी संस्मरणात्मक और भावपूर्ण रचनाएँ प्रस्तुत कीं। प्रतिभागियों में श्योनाथ सिंह शिव, अनिल जैन, सुनील शर्मा, वीना टंडन पुष्करा, माधुरी श्रीवास्तव, सुनीता तिवारी, माधुरी शुक्ला, सुरेन्द्र बिंदल, स्वर्णलता सोन कोकिला, संजीव कुमार भटनागर सजग, डॉ. वंदना खंडुरी,अशोक दोशी दिवाकर, रंजीता श्रीवास्तव, दिव्या भट्ट स्वयं, डॉ. अनीता राजपाल अनु वसुंधरा, नीरजा शर्मा अवनि, देवेश्वरी खंडुरी, नीतू रवि गर्ग कमलिनी सहित अनेक साहित्यकार सम्मिलित रहे।
इसी बीच मंच की परिपाटी के अनुसार मंच के प्रमुख अभिकल्पक प्रभारी सुनील भारती आज़ाद सौरभ का जन्मोत्सव वीडियोस के माध्यम से शुभकामनाएँ व बधाई संदेश प्रेषित कर मंच पर धूमधाम से मनाया गया।
नवरात्र के विशेष आयोजन में एकल काव्य पाठ की श्रृंखला का शुभारंभ डॉ मूरत सिंह यादव ने किया। इसके पश्चात फूलचन्द्र विश्वकर्मा भास्कर, नीरजा शर्मा अवनि, डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय पूर्णा, अनु तोमर अग्रजा, वीना टण्डन पुष्करा, शिखा खुराना, निशा कौल शर्मा, रेखा पुरोहित तरंगिणी, माधुरी शुक्ला, रंजीता श्रीवास्तव, सरोज डिमरी, कंचन वैभव वर्मा आदि रचनाकारों ने अपने भावमय और मनमोहक काव्य पाठ से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
कार्यक्रम का समापन संजीव कुमार भटनागर सजग द्वारा निरूपित विषय दशहरा पर स्वैच्छिक विधा की 41 प्रस्तुतियों से हुआ। उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम का संयोजन तथा सौंदर्यपूर्ण सृजनात्मक डिज़ाइन नीरजा शर्मा ‘अवनि’ और नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’ ने किया। कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा अशोक दोशी ‘दिवाकर’ एवं सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’ द्वारा की गई, वहीं कृष्णकांत मिश्र ‘कमल’ और संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’ ने रचनात्मक समालोचना एवं चयन का उत्तरदायित्व निभाते हुए विज्ञप्ति को विशिष्टता प्रदान की।
इस अवसर पर मंच की संस्थापिका एवं अध्यक्षा डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ ने कहा—
“उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा संचालित कार्यक्रम उसकी दूरदर्शी दृष्टि, समर्पित प्रयास और सृजनशील ऊर्जा का अनुपम उदाहरण हैं। साहित्य और साधना का यह संगम न केवल आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य-जागरूकता और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थायी स्थापना का भी सेतु है। यह मंच आज सामाजिक, मानसिक और सांस्कृतिक विकास का प्रेरक स्रोत बन चुका है और भविष्य में भी अपनी ऊँचाइयों से हमें निरंतर आलोकित करता रहेगा।”




