
आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव।
शौर्यपक शुभ कार्य कर, रोशन करना गांव।।
कीर्ति पताका नभ छुए, दुनिया में हो नाम।
मात पिता का नाम हो, ऐसा करना काम।।
अच्छे पर इंसान तुम, जग में करना नाम।
नव पीढ़ी उत्कर्ष हो, प्रगतिशील अंजाम।।
अपनों से जुड़कर रहो, प्रेम की बनकर डोर।
आगे ही आगे बढ़ो, सदा रहो सिरमौर।।
डॉ पुष्पा सिंह




