साहित्य

शरद पूर्णिमा

स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'

शरद पूर्णिमा पावनी, सोमवार शिव वार।
शंकर की पूजा करें, रहे सुखी परिवार।।

छटा निराली चन्द्र की, मोहक मन्द बयार,
बजे कृष्ण की बाँसुरी, होता रास अपार।।

पावन पूजित पूर्णिमा, प्रणय प्रभावित मीत।
रखें खुले में खीर को, बरसे अमृत शीत।।

धवल मनोहर चाँदनी, बरसे अमि का सत्व।
स्वास्थ्य स्रोत शुभ पूर्णिमा, परम प्रभावी तत्व।।

छाया है जग में तमस, द्वेष जनित व्यहार।
पूर्ण शरद के चन्द्रमा, करो परम उजियार।।

स्नेहलता पाण्डेय ‘स्नेह’

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