
राधिका के जैसा
समर्पित प्रेम होना चाहिए।
तड़फन हो श्याम दर्शन की बस आस होना चाहिए।।
कोई स्वार्थ नहीं व्यवहार में प्रेम निस्वार्थ होना चाहिए।
सांसों में हरि का रात दिन नाम होना चाहिए।।
स्वप्न में भी प्रेम की बांसुरी बजना चाहिए।
भाव और श्रद्धा से, भक्ति गीत गाना चाहिए।।
ह्रदय में कॄष्ण का भव्य मंदिर होना चाहिए।
कृष्ण की लीलाओं का भित्ति चित्रण होना चाहिए।।
माधुर्य भाव कैसा हो राधिका से सीख लेना चाहिए।
राधिका सी सर्वोच्च भक्ति हर कृष्णभक्त में होना चाहिए।
-डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
कवि,साहित्यकार
भवानीमंडी



