साहित्य

जन्म दिन मुबारक बेटी, बेला

डॉ रामशंकर चंचल

तुम्हारी मां के
जाने के बाद
तुमने सदा अपनी
व्यस्तता से भी समय निकाल
सदा ही, मुझे साथ दिया
फेस बुक, गुगल आदि पर
यदि दस्तक दे
लाखों चाहने वालों बने तो
वह तुम्हारे साथ देने से
सैकड़ों वीडियो बनाएं
सैकड़ों पोस्ट आदि आदि
धन्य हैं जीवन कि
तुम जैसी सहज सरल और सादगी संस्कार समेटे बेटी को
पाया
जितना लिखा जाय कम होगा
तुम्हारा जन्म दिन है
दिल से सदा शुभ कामनाएं देते हुए
प्रणाम करता हूं बेटी

लड़की कितनी ही छोटी हो
प्रणाम करने योग्य है
ईश्वर रूप है
उत्तर प्रदेश के इस संस्कार को
दिल में विराजमान कर रखा है बेटी
तुम तो जानते हो
जो अच्छा है वह है मुझे रास आता है
फिर वह किस जाती धर्म राजनीति या प्रदेश देश विश्व से
मिला हो
मानवीय मूल्यों पर दस्तक देते हुए
सदा ही मानव मात्र पशु पक्षी सभी को प्रणाम करते
जीवन सार्थक हो
तुम्हारा इन्हीं अशेष शुभ कामना आशीर्वाद,साधुवाद,सहित
तुम्हारा पिता
डॉ रामशंकर चंचल
झाबुआ मध्य प्रदेश

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