साहित्य

यमदियरी ( छोटी दीपावली )

अरुण दिव्यांश

आईं छोटकी दिवाली मनावे चलीं ना ।
अपना घरवा से यम निकाले चलीं ना -२
साल भर पर आईल दिवाली के परब ।
हमरा एह परब पर बड़ा बाटे गरब ।।
दुःख दरिदर घरवा से भगावे चलीं ना ।
अपना घरवा से यम के निकाले चलीं ना ।।
सुते से पहिले राति यमदीया निकालीं ।
लछमीगणेश पूजा मन में तब पालीं ।।
आजु बाजु दरीदर भगावे चलीं ना ।
अपना घरवा से यम दीया निकाले चलीं ना ।।
सब केहू सुखी संपन्न होखे जगवा में ।
ना रहे गरीब केहू धरती के भगवा में ।।
गरीबवन के हिरदा से लगावे चलीं ना ।
ओकरो घर के यमवा भगावे चलीं ना ।।
ध्यान रहे घरे घरे दीया जगजगाओ ।
घरे घर दिवाली मनो खुशिया मनाओ ।।
जन जन में प्रेमवा जगावे चलीं ना ।
अपना घरवा से यम दीया निकाले चलीं ना ।।

अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )
बिहार ।

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