
पाँच दिन जो पर्व मनाया जाता है,
इस वर्ष छ: दिन मनाया जाएगा,
धनतेरस, छोटी दीवाली, दीवाली,
अगले दिन बिन तिथि की दीवाली।
और गोवर्धन अन्नकूट की पूजा,
अब आ गई भैया दूज की पूजा,
भाई के मस्तक पर बहन लगाये
रोली, अच्छत, चन्दन का टीका।
भाई – बहन के प्यार के भारत में
वैसे तो कई त्योहार मनाए जाते हैं,
दीवाली, होली में भाई दूज के साथ,
रक्षा बंधन के त्योहार ख़ास होते हैं।
भाई – बहन का यह पावन रिश्ता,
सारे जग में अनोखा माना जाता है,
बहना की जीवनभर रक्षा का जिम्मा
भैया आजीवन ख़ुशी से निभाता है।
आदित्य सनातन का महत्व इन्हीं
परंपराओं, पर्वों से चलता आया है,
ऋषियों – मुनियों का राष्ट्र भारत,
इसीलिये विश्व गुरू कहलाया है।
डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’
लखनऊ




