साहित्य

गोवर्धन पूजा

डा राजेश तिवारी मक्खन

धर ध्यान सुनो गिरधारी बिहारी गिर न परें ।
हम सब है शरण में तिहारी बिहारी गिर न परे ।।

सात बरस के तुम बालक हो।
बृज वाहन के तुम चालाक हो।।
हम तुम पर है बलिहारी बिहारी गिर न परें।
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सात कोष के ये गोवर्धन है ।
यह गो के रक्षक संवर्धन है ।।
यह वजन बड़ो है भारी बिहारी गिर न परें ।
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थक गए हो तुम मनमोहन अब ।
लाठी लगा ले हम सब सुन अब ।।
करो आराम की तैयारी बिहारी गिर न परें ।
…………………………………………………………३

दिन और रात सात जब बीते।
बादल बरस बरस भये रीते ।।
लाज सुरेश भयी भारी बिहारी गिर न परें ।
…………………………………………………………४

मक्खन से ही बल बड़ो है भारी ।
सहाय करी कछु कीर्ति कुमारी ।।
धन्य ग्वाल बाल की यारी बिहारी गिर न परें ।
……………………………………………………………५

डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र

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