साहित्य

दोहे

डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'


गोवर्धन पूजा करो, शुद्ध करो परिवेश।
गोसंवर्धन से करो, उन्नत अपना देश।

अन्नकूट के दिवस पर, करो अर्चना आज।
गोरक्षा से हो सबल, पूरा देश समाज।।

श्रीकृष्ण ने कर दिया, माँ का ऊँचा भाल।
इस अवसर पर आप भी, बन जाओ गोपाल।।

गौमाता से ही मिले, दूध-दही, नवनीत।
सबको होनी चाहिए, गौमाता से प्रीत।।

गइया के घी-दूध से, बढ़ जाता है ज्ञान।
दुग्धपान करके बनें, नौनिहाल बलवान।।

कैमीकल का उर्वरक, कर देगा बर्बाद।
फसलों में डालो सदा, गोबर की ही खाद।।

गंगा-गइया का रखो, आप हमेशा ध्यान।
बन्द कसाईघर करो, कहलाओ इंसान।।

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