
मैले हो जाते हैं रिश्ते रोज प्रेम से धोते रहें।
जो भी नजर आए गलती अति शीघ्र उसे खोते रहें।।
किसी को हरा देना तो बेहद ही आसान होता है।
मुश्किल होती जब दिल जीत लेना अरमान होता है।।
बंजर हो जाती है जमीन प्रेम के बीज बोते रहें।
मैले हो जाते हैं रिश्ते रोज प्रेम से धोते रहें।।
थोड़ा झुककर देखें खुशी का संसार नजर आएगा।
जो त्याग देता अहम वही दुनिया का प्यार पाएगा।।
छोड़ दें नफरत नहीं तो फिर जीवन भर रोते रहें।
मैले हो जाते हैं रिश्ते रोज प्रेम से धोते रहें।।
मत करें ईर्ष्या बल्कि अदा करें प्रभु शुकराना रोज।
मन के भीतर ही खुशियों का खजाना खोज।।
जब आए अवसर सहयोग का तो मत सोते रहें।
मैले हो जाते हैं रिश्ते रोज प्रेम से धोते रहें।।
रचयिता।।एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली।।




