
जन्मोत्सव पटेल का आता,
देश एकता दिवस मनाता।।
है भारत की शान निराली,
वार पटेल कभी नहिं खाली।।
जन्म गांव करमसद वासी,
शिक्षा से मिट गई उदासी।।
गए जर्मनी पढ़कर आये,
बैरिस्टर बन नाम कमाए।।
अहमदनगर निजाम मिलाए,
ताकत सेना की दिखलाए।।
जूनागढ़ कश्मीर न भागे,
झुकते लौह पुरुष के आगे।।
दृढ़ निश्चय से राष्ट्र सॅंजोया,
एक सूत्र में उसे पिरोया।।
गांधी जी के संग चले थे,
नेता दक्ष सफल निकले थे।।
भारत रत्न मरे तब पाया,
बल्लभभाई जग में छाया।।
लौह पुरुष की गाथा गाते,
एकता दीप सदा जलाते।।
उनसे सीखे दृढ़ता पाना,
मातृभूमि हित जीवन ताना।।
देश रहे संगठित सदाचार,
यही सुमन का सच्चा उपहार।।
डॉ. सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार



