साहित्य

सरदार बल्लभ भाई पटेल

ज्ञान विभूषण डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव

सरदार बल्लभ भाई पटेल,हमारे स्वदेशी नेता महान।
गोरों की’फूट डालो-राज्य करो’नीति बाधक जवान।।

लौहपुरुष सरदार बल्लभ,भाई पटेल वे देश के शान।
एकता-अखंडता राष्ट्रप्रेम राष्ट्रभक्ति,के प्रतीक जान।।

इनका सही नाम तो है,बल्लभभाई झबेरभाई पटेल।
इकतीस अक्टूबर अठारह सौ पचहत्तर,जन्में पटेल।।

गुजरात प्रांत के नडियाद में,जन्मे हैं ये सरदार पटेल।
झवेरभाई पटेल-लाडबा देवी के चौथे संतान पटेल।।

गुजरात में एक लेवा पटेल (पाटीदार)जाति में हुआ।
सोमाभाई नरसीभाई विट्टलभाई,इनके अग्रज हुआ।।

सरदार पटेल की शिक्षा,मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई।
लन्दन जाकर वहाँ इनकी ये,बैरिस्टर की पढाई हुई।।

वापस आकर अहमदाबाद में ही,वकालत करने लगे।
यहाँ महात्मा गांधी के विचारों से,वे प्रेरित होने लगे।।

भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में,भी सहभाग किया।
पंद्रह दिसम्बर उन्नीससौ पचास को,देह त्याग दिया।।

भारत का एक स्वतंत्रता सेनानी,अधिवक्ता-नेता रहे।
बड़े दिमागी कुशल हिम्मती,लोकप्रिय राजनेता रहे।।

ज्यादातर लोग उन्हें,सरदार पटेल के नाम से जानते।
‘सरदार’ का अर्थ है ‘प्रमुख’,होता है उन्हें थे मानते।।

भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री रूप में वे कार्य किए।
भा.रा.कांग्रेस के वे एक,वरिष्ठ नेता रूप काम किए।।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में,अग्रणी भूमिका निभाई।
देशी रियासतों के एकीकरण में,अहं भूमिका निभाई।

इस महान चुनौती को वह,सफलतापूर्वक हल किया।
उन्नीससौ सैंतालीस में,इंडो-पाक युद्ध में यह किया।।

एक साहसी गृहमंत्री के रूप में,उत्तम है कार्य किया।
भारत सरकार मरणोपरांत इन्हें,भारत रत्न है दिया।।

आजादी के पूर्व-पश्चात भी,वो दिल से सबको जोड़ा।
बिखरे राजे महाराजे एवं,नाबाबों से मिलकर तोड़ा।।

स्वतंत्रता की बिगुल बजाए,क्रांतिकारियों को जोड़ा।
स्वतंत्रतासंग्राम सेनानियों ने,अंग्रेजों का सर फोड़ा।।

देश के बिखरे सूबों में,स्वदेश भावना के बीज बोया।
विखंडित देश अखंड भारत रहे,यही स्वप्न संजोया।।

जीवनभर करते रहे काम वे,इसीपर धैर्य नहीं खोया।
सपना साकार करने में,रात-दिन लगे थे नहीं सोया।।

अंततः गोरों से आजाद हुआ,भारत अब स्वतंत्र देश।
आज तिरंगा लहर रहा है,चमक रहा है अपना देश।।

सबसे ऊंचा और बड़ा दुनिया में,भारत गणतंत्र देश।
हमसब उस देश के वासी,जो कहलाता भारत देश।।

प्रथम गृहमंत्री थे पटेल जी,अडिग निडर व निर्भीक।
देश वास्ते उनका हर निर्णय,होता रहा सदैव ठीक।।

आज का भारत मजबूत हुआ है,ताकतवर निर्भीक।
दुश्मन को जवाज़ देने में सक्षम,हमला करे सटीक।।

सरदार पटेल की सोच वाला,यह भारत की तस्बीर।
एक है भारत अखंड है भारत,हर भारतवासी वीर।।

कितनी जंगों का विजेता,पदकों से नवाजे परमवीर।
प्राणों की सर्वोच्च कुर्बानी दें,माँभारती के महावीर।।

कच्छ से कोहिमा तक,कश्मीर से कन्याकुमारी तक।
भारत को एकसूत्र में बांधे जैसे,वैसे ही है अबतक।।

राष्ट्र प्रेमियों भारत वीरों,भारत माता के लाल रक्षक।
देश की आन बान शान की,रक्षा हो अंतसांस तक।।

विश्व के अनेक राजनीतिक,विश्लेषकों ने तुलना की।
पटेल की तुलना यूरोपीय,नायक विस्मार्क यस की।।

ये मामूली बात नहीं है,साक्ष्य ऐतिहासिक गौरव की।
इतनी सम्मानजनक प्रतिभा रही सरदार पटेल की।।

सरदार सरोवर गुजरात में,सबसे ऊँची लगी प्रतिमा।
देशवासियों के घर से माँग,लोहे से बनी है प्रतिमा।।

विश्व की सबसे ऊंची,एक सौ बयासी मीटर प्रतिमा।
‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’कहते,चमके दिन-रात प्रतिमा।।

ऐसे थे हमारे लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल।
शत-शत नमन जयंती पर है मेरा,हे!सरदार पटेल।।

भारत के हे ! महापुरुष,सरदार बल्लभ भाई पटेल।
कोटिशः नमन वंदन,अखंड भारत निर्माता पटेल।।

जन्म जयंती की बहुत-बहुत,हार्दिक शुभकामनाएं।

ज्ञान विभूषण डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव

सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रवक्ता-पी.बी.कालेज,प्रतापगढ़,उ.प्र.

(शिक्षक कवि लेखक साहित्यकार समीक्षक एवं समाजसेवी)

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