साहित्य

असंभव संभव कर दिखाए वो महान कहलाता है

एस के कपूर "श्री हंस"

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असंभव को संभव कर दिखाए महान कहलाता है।
जो सागर से मोती लाए वही गुणवान कहलाता है।।
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जो केवल बारिश में नहाते वो बस लिबास बदलते हैं।
जो पसीने से भीगते हैं वह जाकर इतिहास बदलते हैं।।
जो समय का मूल्य जानता वो ही सफल बन पाता है।
असंभव को संभव कर दिखाए महान कहलाता है।।
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जो दीए सा दूजों के लिए जलता वो जीवन अर्थ है।
जो केवल दूसरों से जलता वो जीवन तो व्यर्थ है।।
जो लीक से हट कर नया करता पहचान बनाता है।
असंभव को संभव कर दिखाए महान कहलाता है।।
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जो बैठे रहते किनारे पर वह तैरना जान नहीं पाते हैं।
जो कूद जाते पानी में वह दरिया पार कर आते हैं।।
वही कुछ बनता जो रात नहीं दिन में सपने दिखलाता है।
असंभव को संभव कर दिखाए महान कहलाता है।।
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रचयिता।।एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली।।

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