
हो रहो शालिग्राम विवाह , तुलसी महारानी हैं हमारी ।
तुलसी महारानी हैं हमारी , श्रीजी ठाकुर की ठकुरानी ।।
कार्तिक शुक्ल एकादशी आई ।
सुर गण दें रहें आय बधाई ।।
वृंदावन की शोभा भारी ।।
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तुलसी बिन हरि भोग न जैवे ।
ऐसो ही संत शास्त्र सब कैवे ।।
राखों छप्पन भोग सम्हारी ।।
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सेवत स्वास्थ्य सुधर सब जैहै ।
ना डर यम दूतों को रैहै ।।
महिमा सब संत रहें उच्चारी ।।
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अब सब मंगल कारज होने ।
रवि जै उत्तरायण के कोने ।।
मक्खन मन मोहन बलिहारी।।
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डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र



