भागीरथी सांस्कृतिक मंच के तत्वावधान में साहित्य महोत्सव 25 आयोजित

गोरखपुर।भागीरथी सांस्कृतिक मंच,गोरखपुर द्वारा साहित्य महोत्सव 25 जे.पी. सनराइज स्कूल, गोरखनाथ, गोरखपुर के सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा जी पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विद्यालय गोरखपुर और अध्यक्षता प्रोफेसर रामदेव शुक्ल पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलन अतिथियों के द्वारा किया गया। तत्पश्चात पंडित निरंकार शुक्ला द्वारा स्वस्ति वाचन और बृजेश राय जी द्वारा मां सरस्वती की आराधना के उपरांत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस सम्मान समारोह में भागीरथी सम्मान से प्रोफेसर दशरथ प्रसाद द्विवेदी जी को किया गया।जो गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत आचार्य रहें।
देवर्षि नारद सम्मान से दैनिक जागरण के संस्थापक संपादक श्री सुजीत पांडे जी को सम्मानित किया गया तथा भारत मुनि नाट्य सम्मान से सम्मानित श्री प्रदीप सुविज्ञ जी फिल्म निर्देशक व रंग कर्मी को एवं देवेन्द्र बंगाली सम्मान से रेल के पूर्व राजभाषा अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार जो को सम्मानित किया गया।इस क्रम में आचार्य राम दरस राय जी को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल सम्मान 25 दिया गया । कामता प्रसाद रसविंदु सम्मान से महमूद गोरखपुरी जी को सम्मानित किया गया। कुल 19 हस्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. चितरंजन मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा भागीरथी का यह आयोजन कई मायनों में खास हैं,यह इनकी उर्जा हैं जो वरिष्ठ साहित्यकारों को निरंतर सम्मानित करके उनकी उम्र बढ़ाने का कार्य कर रहे है।इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे प्रो.रामदेव शुक्ल जी ने कहा – मैं देख रहा हूं कि मंच उत्तरोत्तर साहित्यकारों को सम्मानित करके उनका उत्साह वर्धन कर रहा है।
इसके बाद कवि कुंभ का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र, गीतों का रहा जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार श्री सौदागर सिंह जी ने किया।इस सत्र में जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है -सर्वश्री सुधाकर साहनी, प्रशांत श्रीवास्तव, रमेश सिंह दीपक, नित्यानंद यादव, कौशल किशोर मणि व डॉ.सरिता सिंह, रंजीता श्रीवास्तव रही।
द्वितीय सत्र ग़ज़ल का रहा जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ शायर महमूद गोरखपुरी जी ने किया और काव्य पाठ किया – सुश्री हिना कौसर गोरखपुरी,डा.सरिता चौहान, सर्वश्री निरंकार शुक्ल ‘साकार’, ज्ञानेश ‘नापित’, आंनद वर्धन त्रिपाठी रहें।
संचालन किया इस सत्र का भाई मृत्युंजय नवल ने।
तृतीय सत्र नई कविता का रहा जिसकी अध्यक्षता श्री वेदप्रकाश जी ने किया। जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम हैं- श्रीमती बिंदू चौहान, बृजेश राय, विनय मितवा, धर्मेंद्र त्रिपाठी, डा.सत्य नारायण ‘पथिक’ने एवं संचालन किया ज्ञानेश ‘नापित’ने।
चौथे सत्र भोजपुरी कविता का रहा एवं समापन सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार श्री वीरेन्द्र मिश्र विरही जी रहे एवं मुख्य अतिथि संस्था संरक्षक श्री अरविन्द शर्मा जी रहे।इस सत्र में जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है राम समुझ सांवरा, अरविंद ‘अकेला’, आचार्य ओमप्रकाश पाण्डेय, आचार्य मुकेश श्रीवास्तव, एकता उपाध्याय,राम सुधार सिंह सैथवार,अजय यादव जी आदि।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार, समाजसेवी श्रीमती पूजा गुप्ता, श्रीमती रीना जायसवाल आदि उपस्थित रही।
सभी के प्रति आभार व्यक्त किया संस्था प्रबंधक डा.सत्य नारायण ‘पथिक’ने।




