
जगत में सबसे बड़ा है दान ।
यह है कई तरह के भैया बना देत महान ।
सात्विक, राजस, तामस कहते वेद पुरान ।।
सब दानों से बढ़कर होता कहते विद्या दान।
धनदान क्या कितनों ने सुना है अस्थि दान ।।
राजा शिवि के माषदान से बचे बाज के प्रान ।
ज्ञान दान करते हैं जो नर वे ही बहुत महान ।।
राजाबलि है दान शिरोमणि शब्द बना बलिदान।
वामन प्रभु थे आए मांगने पंडित करें बखान ।।
दानी कर्ण हुए द्वापर में कहते हैं भगवान ।
प्रायः राजा दान करते इसको लो सब जान ।।
पृथ्वीदान परशुराम की तप कीन्हां भगवान ।
दानी हुए बहुत ही जग में कैसे करें बखान ।।
दान बड़ा होता है तप से सास्वत रहे बखान ।
तीन गति होती हैं धन की करते सब सम्मान ।।
धन घटता न दान करे से यह सच्ची लो मान ।
यश बढ़ता है दान करे से स्वर्ग लोक प्रस्थान ।।
याचक शिक्षा यह देता है करें आप भी दान ।
गो ब्राह्मण सती वेद सत्यवाद अलोभी दान ।।
सात स्तंभ ये है पृथ्वी के यह कहते विद्वान ।
मक्खन मन से यही मानते दानहि धर्म महान ।।
डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र



