साहित्य

यह अपनापन भी वैद्य रोज ताकत की दवा देता है

एस के कपूर"श्री हंस"

**
यह अपनापन भी वैद्य रोज ताकत की दवा देता है।
जो भरा हो ईर्ष्या से बस नफरत को ही हवा देता है।।
**
धीरज और खामोशी भी आदमी को शक्ति देते हैं।
दया की भावना मनुष्य के भीतर भर भक्ति देते हैं।।
द्वेष-राग मनुष्य के भीतर संवेदना को भी दबा लेता है।
यह अपनापन भी वैद्य रोज ताकत की दवा देता है।।
**
इंसान के बोलने से ही उसके व्यक्तित्व का पता चलता है।
मनुष्य की कार्यशीलता से कृतित्व का पता लगता है।।
जो रहता अहम और वहम में वो रिश्ते भी गवां लेता है।
यह अपनापन भी वैद्य रोज ताकत की दवा देता है।।
**
विचार शब्द कर्म आदत से हमारा चरित्र निर्मित होता है।
बाहर नहीं भीतर शुद्धता से हमारा चित्र निर्मित होता है।।
गम को पी लेना भी हमारा दुःख कर सवा देता है।
यह अपनापन भी वैद्य रोज ताकत की दवा देता है।।
**
एस के कपूर”श्री हंस”
बरेली।।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!