यूपी

सरदार पटेल और देवसरि गंगा के बिना भारत की एकता ,अक्षुण्णता असंभव -सर्वेंद्रवीर विक्रम

राजेसुल्तानपुर (अम्बेडकरनगर)। लौहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल ही आचार्य चाणक्य के पश्चात आधुनिक भारत के शिल्पी और स्वरूप निर्धारक हैं।जिनके बगैर स्वाधीनता प्राप्ति के बावजूद एक भारत -समृद्ध भारत का निर्माण असंभव था तथा भागीरथी गंगा के दहाने में पल्लवित भारतीय संस्कृति की अक्षुण्णता की कामना करना वर्थ है।ये उद्गार श्री लल्लन जी ब्रह्मचारी पी जी कॉलेज,राजेसुलतानपुर के प्रबंधक सर्वेंद्र वीर विक्रम सिंह ने व्यक्त किया।श्री सिंह माध्यमिक शिक्षा विभाग ,अंबेडकर नगर के तत्वावधान में स्थानीय गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुलतानपुर में सरदार पटेल की 150 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम का संचालन कक्षा ग्यारह के छात्र दिव्यांशु मौर्य ने तथा आयोजन प्रधानाचार्य डॉ.कप्तान सिंह ने किया।
ज्ञातव्य है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग,उत्तर प्रदेश सरदार पटेल की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में माह पर्यंत चलने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालय स्तर पर कर रहा है।जिसके अंतर्गत आज उक्त कार्यक्रम का आयोजन राजेसुलतानपुर के नामचीन गांधी स्मारक इंटर कॉलेज में किया गया।


इस अवसर पर कला विशेषज्ञ शिक्षक अमरनाथ पांडेय तथा दिव्य गंगा सेवा मिशन,हरिद्वार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.उदयराज के मार्गदर्शन में कक्षा 9 की अंशिका शर्मा,अनुष्का विश्वकर्मा,आयुषी पाठक,खुशबू निषाद,रागिनी सिंह एवं काजल यादव यथा कक्षा 10 की प्रिया गुप्ता,हर्षिता दुबे,अनामिका प्रजापति,हर्षिता यादव और अनुष्का गुप्ता ने दिव्य गंगा रंगोली बनाते हुए सरदार पटेल के जन्मोत्सव को करो योग – रहो निरोग तथा बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान को समर्पित करते हुए भारत की शक्ति की प्रतीक ब्रह्मोस मिसाइल को राष्ट्र की शक्ति के रूप में प्रदर्शित किया।जबकि कक्षा ग्यारह के छात्र आदित्य सिंह,अभिषेक चौबे,अमन पाठक,अमन गुप्ता और कक्षा 12 के हर्ष सिंह,विकास गिरी सहित अनेक विद्यार्थियों ने भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हुए सरदार पटेल को नमन किया तथा गंगा की निर्मलता की शपथ ली।निबंध प्रतियोगिता में छात्र दिव्यांशु मौर्य को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के चलते शब्दकोश और कलम प्रदान करते हुए प्रधानाचार्य ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम को डॉ.संतोष कुमार सिंह, शिक्षक राजेश मिश्र,सुधीर शुक्ल सहित अनेक विद्वानों ने भी संबोधित किया।

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