उत्तराखंड

इंसान को फल की इच्छा त्याग कर कार्य में प्रयत्नशील रहना चाहिए:बी0डी0 पन्त

खानपुर! भगवदर्थ कर्म करने वाले पुरूष का भगवान में प्रेम और श्रद्धा तथा भगवान का चिन्तन भी बना रहा है, इसलिये ध्यान से ‘कर्मफल का त्याग’ श्रेष्ठ कहा गया है। उक्त विचार नेशनल कन्या इण्टर कालेज, खानपुर में आयोजित उत्तराखण्ड रजत जंयती के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम गीता पाठ-मानस पाठ में सम्बोधित करते हुऐ मुख्य अतिथि खंड विकास अधिकारी खानपुर बी0डी0 पन्त ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि इंसान को फल की इच्छा त्याग कर कार्य में प्रयत्नशील रहना चाहिए। उन्होंने विस्तार से श्रीमद्भगवत गीता के सभी पात्रों के बारे में बच्चों को बताया। उन्होंने रामायण और गीता के महत्वपूर्ण श्लोकों का वाचन तथा व्याख्या कर उनका अनुकरण करने का आहवान किया ताकि अध्यात्मवाद से आदर्शवाद का पालन किया जा सके। डी0पी0ओ0 सुबोध उनियान ने कहा कि श्री मद्भगवदगीता रूप एक ऐसा अनुपमेय शास्त्र है, जिसमें एक भी शब्द सदुपदेश से खाली नहीं हैं। उन्होंने पवित्र रामायण ग्रन्थ पर प्रकाश डालते हुये कलियुग के अवतार श्री हुनमान जी के तप, बल व गुणों का वर्णन करते हुये हनुमान चालीसा का पाठ भी छात्राओं के साथ किया।
संस्थापक एवम् प्रंबधक डॉ0 घनश्याम गुप्ता ने कहा कि जो पुरूष ज्ञानयोग और कर्मयोग को फलरूप में एक देखता है, वही यथार्थ देखता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता एक धार्मिक व पवित्र ग्रन्थ है जिसके 18 अध्यायों में सम्पूर्ण वेदों का सार समाहित हैं।
कालेज प्रधानाचार्य बलराम गुप्ता ने कहा कि स्वार्थ को त्यागकर व परमेश्वर को ही परमाश्रय और परम गति समझकर निष्काम प्रेम भाव से सती-शिरोमणि पतिव्रता स्त्री की भांति मन, कर्म, वाणी और शरीर द्वारा परमेश्वर के लिये यज्ञ, दान और तप आदि सम्पूर्ण कर्Ÿाव्य कर्यों के करने का नाम भगवदर्थ कर्म करने के परायण होता है। पंडित विनय कुमार शर्मा ने श्रीगणेश पूजा व मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने श्री कृष्ण जी द्वारा कुरूक्षेत्र युद्ध भूमि में अर्जुन को दिये गये उपदेशों पर भी प्रकाश डाला। उत्तराखण्ड शासन के सचिव, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशानुसार विद्यालय में प्रातः 10 बजे सुप्रसिद्ध साहित्कार बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रगीत ‘‘वन्दे मातरम्’’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सभी छात्राओं व शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा सावधान मुद्रा में किया गया।
इस अवसर पर अन्नू, खुशी, अंशिका भारद्वाज, विपाशा, नेहा, दीपांशी, रूचि, वंशु, ग्रेसी, वर्तिका, अंशिका, दिव्या, साक्षी, अक्षिता भाटी, नीलम, मानसी, शिवानी ने गीता पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में ऋतु परमार, जितेन्द्र, रूबी देवी, बबीता देवी, नूतन, डॉ0 रंजना, विशाल भाटी, सोमेन्द्र सिंह पंवार, बृजपाल, ओमपाल सिंह, सुन्दर, मुुकेश कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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