
जल्दी जल्दी चलीं मत चलीं धीमा ,
आईल बा पंचवर्षीय जीवन बीमा ।
ओकरे के रउआ जाके वोट देहब ,
जे पाॅंच बरीस के लीही राउर जिमा ।।
सुनीं माई बहिनी चाचा चाची फुवा ,
ईश्वर से दया माॅंगीं रउआ दीं दुआ ।
भगवान समझके रउआ वोट दीहीं ,
पाॅंच साल छानीं घोंटीं रउआ पूआ ।।
वोट देहब रउआ खूब सोच समझ के ,
आज बड़का भारी राउर जिमवारी बा ।
अबहीं तक त रहे सरकार के बारी ,
अब हमरे राउर आईल आज बारी बा ।।
कोई आईल बाटे अमरफल छिपा के ,
कोई छिपके आईल बड़ महामारी बा ।
कोई आईल रउआ के अमरफल देवे ,
कोई के घरे में रखे खातिर तईयारी बा ।।
आज के दिन खाली जाए मत देहब ,
आपन भूमिका रउआ जरूर निभाईं ।
एक एक वोट के बड़ अहमियत बाटे ,
आपन वोट जाके रउआ जरूर गिराईं ।।
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार ।



