राष्ट्रीय गंगा नदी दिवस पर दिव्य गंगा सेवा मिशन की ऑनलाइन गोष्ठी आयोजित

हरिद्वार । दिव्य गंगा सेवा मिशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय गंगा नदी दिवस के पावन अवसर पर एक भव्य ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन दिव्य गंगा सेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश दुबे की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय संयोजक बौद्धिक प्रकोष्ठ मनीष श्रीवास्तव के संचालन में किया गया। आज की गोष्ठी का विषय गंगा जीवन, संस्कृति और पर्यावरण की आधार धारा रहा।
इस ऑनलाइन गोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतों से जुड़े पर्यावरणविदों, समाजसेवियों, गंगा प्रेमियों तथा मिशन के केन्द्रीय, प्रांतीय एवं जिला पदाधिकारियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने गंगा की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्ता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और सभ्यता की मूलधारा है। गंगा का अस्तित्व भारतीय संस्कृति के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। जब तक गंगा बहेगी, तब तक भारतीय संस्कृति जीवित रहेगी। गंगा संरक्षण केवल सरकार का कार्य नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। गंगा स्वच्छता आंदोलन को केवल एक अभियान नहीं, बल्कि जनांदोलन के रूप में चलाया जाना चाहिए। दिव्य गंगा सेवा मिशन की गतिविधियों एवं भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय संयोजक केशव पाण्डेय ने कहा कि दिव्य गंगा सेवा मिशन का मुख्य उद्देश्य गंगा की निर्मलता और अविरलता के प्रति समाज में संवेदनशीलता और सक्रियता लाना है। मिशन का प्रत्येक सदस्य गंगा तटों पर स्वच्छता, वृक्षारोपण और जनजागरण कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहा है। गंगा माँ केवल जलधारा नहीं, हमारे जीवन, संस्कृति, पर्यावरण और अध्यात्म की संगम धारा हैं। आज आवश्यकता है कि हम गंगा को केवल पूजें नहीं, बल्कि उनके अस्तित्व की रक्षा के लिए कर्म से जुड़ें। गंगा की निर्मलता तभी संभव है जब हम अपने जीवन में स्वच्छता, संयम और सेवा भाव को अपनाएँ। उन्होंने मिशन के सभी पदाधिकारियों और सहयोगियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि गंगा सेवा ही राष्ट्र सेवा है, और गंगा रक्षा ही जीवन रक्षा है। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने गंगा संरक्षण हेतु संकल्प लिया और सामूहिक रूप से गंगा संकल्प मंत्र का उच्चारण किया। बैठक में सर्व श्री नन्दलाल मणि त्रिपाठी,इंद्रेश शर्मा,डाॅ.शिवेश्वर दत्त पाण्डेय, डाॅ.अनिल शर्मा अनिल,डाॅ. उदय राज मिश्र,विनय कुमार पाण्डेय, आचार्य धीरज द्विवेदी याज्ञिक, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, अतुल कुमार शर्मा,पूनम धस्माना,हिमांशु प्रजापति आदि अपनी उपस्थित रहे।




