साहित्य

नहीं लादिये राय

विजय चन्द्र त्रिपाठी

अपने को भी देखिये पर बच्चों के बाद
पढ़ा लिखा कर कीजिये रोजीसेआबाद

बच्चों में अभिरुचिदिखे जैसी मेरे भाय
वैसीशिक्षा ‌ दीजिये नहीं लादिये राय।

नहीं राष्ट्र से है बड़ा कोई दूजा धाम
जन सेवा ‌से है बड़ा कोई भी ना काम।

‌‌ ‌‌‌‌‌ विजय चन्द्र त्रिपाठी 🙏

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