
हे शारदे! माँ शारदे!
अज्ञानता से तार दे।।
करते तुम्हें कोटिश नमन।
करिए सभी शंका शमन।।
शुचि ज्ञान का संसार दे।
हे शारदे! माँ शारदे!
हर जीव के प्रति प्यार हो।
उर भावना सहचार हो।।
निर्मल हृदय संस्कार दे।
हे शारदे! माँ शारदे!
लय,शब्द का संचार हो।
स्वर शुभ्र का भंडार हो।।
नित लेखनी में धार दे।
हे शारदे! माँ शारदे!
स्वरचित
डॉक्टर ऋतु अग्रवाल
मेरठ , उत्तर प्रदेश




