
बचपन की वो मस्ती, वो निश्छल मुस्कान,
नन्हे से दिल में सपनों का जहान।
खिलखिलाते चेहरों से रौशन संसार,
होता हर दिन,बस इनसे ही त्यौहार।
चॉकलेट, खिलौने और प्यारी कहानी,
गोद में माँ की पूरी ज़िंदगानी।
इन नन्हे कदमों से चलती है धरती,
बसती है मन में हँसी मर्यादा भरती।
बाल दिवस का यही संदेश सुनो,
हर बच्चे को शिक्षा का हक दो।
मत छीनो बचपन दुनिया की होड़ में,
भरो रंग उनके सपनों की दौड़ में।
दिनेश पाल सिंह *दिलकश*
चन्दौसी उत्तर प्रदेश



