
आज जंगल मे धूम मची है
बिल्ली मौसी खूब सजी है
आया जन्मदिन भालू का
पकवानों संग खीर पकी है
सजे संवरे मेहमान सारे
हाथ मेंढकी, मेहँदी रची है
बन्दर लाया मीठे केले
भालू की मुस्कान जगी है
ठुमक उठी जो कट्टो गिलहरी
देख मोरनी नाच उठी है
आई संभालती आँचल हिरणी
हिरण की क्यो आँख झुकी है
फूलों का रस लाई तितली
खुशबू सारे जंगल उड़ी है
कटा केक अब भालू का
साथ केक के टॉफी बटी है
आज जंगल मे धूम मची है
बिल्ली मौसी खूब सजी है
©️✍🏻 पूनम बागड़िया “पुनीत”
(नई दिल्ली)




