साहित्य

तेरी यादों में

सुख मंगल सिंह

तेरी यादों में रहकर, मैंने मुझ में तुझको देखा है,
तेरे ख्यालों में खोकर, मैंने दिल को तुझ पर अटका है।
तेरी आवाज़ में सुना है, मैंने अपने दिल की धड़कन,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का मकसद।

तेरे बिना नहीं है कुछ भी, मेरे लिए दुनिया में,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में।
तेरी यादों में रहकर, मैंने अपनी जिंदगी को सजाया है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का सहारा।

तेरे ख्यालों में खोकर, मैंने अपने दिल को समझा है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का मतलब।
तेरी आवाज़ में सुना है, मैंने अपने दिल की आवाज़,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में खास।

तेरी यादों में रहकर, मैंने अपनी जिंदगी को जीया है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का मकसद।
तेरे ख्यालों में खोकर, मैंने अपने दिल को समझा है,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में।

तेरी यादों में रहकर, मैंने अपनी जिंदगी को सजाया है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का सहारा।
तेरे ख्यालों में खोकर, मैंने अपने दिल को समझा है,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में खास।

तेरी आवाज़ में सुना है, मैंने अपने दिल की आवाज़,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का मतलब।
तेरी यादों में रहकर, मैंने अपनी जिंदगी को जीया है,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में।

तेरे बिना नहीं है कुछ भी, मेरे लिए दुनिया में,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में।
तेरी यादों में रहकर, मैंने अपनी जिंदगी को सजाया है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का सहारा।

तेरे ख्यालों में खोकर, मैंने अपने दिल को समझा है,
तेरे प्यार में पाया है, मैंने अपनी जिंदगी का मतलब।
तेरी आवाज़ में सुना है, मैंने अपने दिल की आवाज़,
तेरे साथ है सब कुछ, मेरे लिए इस जिंदगी में खास।
– सुख मंगल सिंह
– पांडेयपुर,
– वाराणसी
– पिन कोड 221002
– मोबाइल नंबर 8931 966034

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