साहित्य

प्रेम तो

कनक

प्रेम तो इक सफ़र सुहाना है
प्यार में यूं चले ही जाना है।।//१//

खून पानी से सींचना धरती
वतन पे यूं भी मिट जाना है।।//२/)

जिन्दगी का सफर कठिन लगता
फ़िर भी यारों मंज़िल को पाना है।।//३//

देश प्यारा शहीद है हुए है
मेहनत से हमें कमाना है।।//४//

वक़्त देता सितम हमें फ़िर भी
ख़ुद का मौका यही से पाना है।।//५//

हौंसला रख चले सदा मिलकर
मुस्कुराकर गले लगाना है।।//६//

झूठ को छोड़ दो मुहब्बत में
दिल मिले यार सच दिखाना है।।//७//

कनक

 

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