साहित्य

दोहा

राम किशोर वर्मा

करें नित्य ही *आरती*, संध्या हो या प्रात ।
कर जोड़ें माँगे यही, सुखी रहें सब भ्रात ।।१।।

नमन करूँ माँ *भारती*, दो मुझको सद्ज्ञान ।
रचूँ छन्द मनभावने, हो सबका कल्यान ।।२।।
-राम किशोर वर्मा
रामपुर ( उ०प्र०)
दिनांक:- १०-११-२०२५ सोमवार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!