करें नित्य ही *आरती*, संध्या हो या प्रात ।
कर जोड़ें माँगे यही, सुखी रहें सब भ्रात ।।१।।
नमन करूँ माँ *भारती*, दो मुझको सद्ज्ञान ।
रचूँ छन्द मनभावने, हो सबका कल्यान ।।२।।
-राम किशोर वर्मा
रामपुर ( उ०प्र०)
दिनांक:- १०-११-२०२५ सोमवार
करें नित्य ही *आरती*, संध्या हो या प्रात ।
कर जोड़ें माँगे यही, सुखी रहें सब भ्रात ।।१।।
नमन करूँ माँ *भारती*, दो मुझको सद्ज्ञान ।
रचूँ छन्द मनभावने, हो सबका कल्यान ।।२।।
-राम किशोर वर्मा
रामपुर ( उ०प्र०)
दिनांक:- १०-११-२०२५ सोमवार