
इस जमाने से मुहब्बत को छुपाया हमने
उसके कदमों में अदाओं को उठाया हमने।।//१//
प्यार इतना ही किया था उससे मिल देखो
दिल मिला कर फिर उसको न भुलाया हमने।।//२//
आज भी यार खपा हैं हम आज़ाद हैं यारो
एक मुद्दत से कोई ख़्वाब न देखा हमने।।//३//
इक झलक जब ये मुलाक़ात न होती यारों
इश्क़ तुमसे जब से था तब समझा हमने।।//४//
तुम मिले तो फ़िक्र क्या है हमको अब कुछ भी
रात उल्फ़त को सजाया फ़िर पाया हमने।।//५//
कनक



