87 तीर्थ सम्भल की धरा को बनाते हैं,एक विलक्षण भूमि – अजय कुमार शर्मा

सम्भल।भारतीय इतिहास संकलन समिति ने संभल की ऐतिहासिक आध्यात्मिक चर्चा वार्ता कार्यक्रम में यहां के 87 तीर्थों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सम्भल को विलक्षण भूमि बताया।
नगर के महर्षि दयानंद बाल मंदिर जूनियर हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं, अभिभावक, अध्यापक मंडल को संबोधित करते हुए भारतीय इतिहास संकलन समिति के जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा कि अयोध्या, मथुरा, काशी और संभल भगवान की अवतार भूमि होने के कारण चार प्रमुख स्थल हैं। परंतु संभल अवतार भूमि होने के साथ-साथ 87 तीर्थ की भूमि भी है। इसलिए संभल दुनिया की सर्वाधिक विलक्षण भूमि है। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि संभल में 68 तीर्थ हैं और 19 कूप है। कूप भी तीर्थ के समान ही महत्वपूर्ण है। इसलिए कुल 87 तीर्थ की भूमि है संभल। उन्होंने बताया कि दुनिया में संभल के अतिरिक्त कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां परमपिता परमात्मा का अवतार स्थल भी हो और 87 महत्वपूर्ण तीर्थ भी हों। इसलिए संभल दुनिया का सर्वाधिक विलक्षण और महत्वपूर्ण स्थल है। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी से सभी तीर्थ के जीर्णोद्धार, रखरखाव, व्यवस्था संचालन में तन मन धन से सहयोग करने का आह्वान किया। भारतीय इतिहास संकलन समिति की जिला महिला प्रमुख मीनू रस्तोगी ने संभल के ऐतिहासिक महत्व की अनेक विशेषताओं को बताते हुए संभल की भूमि को ऐतिहासिक प्राचीनतम तथा गौरवपूर्ण महत्वपूर्ण भूमि बताया। कार्यक्रम में राकेश कुमार शुक्ला, राघवीरेंद्र त्यागी, चंद्रभान आर्य, पूनम शर्मा, रेनू शर्मा, सुचेता गुप्ता, भावना, निशा दिवाकर, इशिका आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहास संकलन समिति के जिला लेखक प्रमुख उमेश श्रीमाली ने की तथा संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य जोगेंद्र पाल शर्मा ने किया।



