
१
मंगल बेला छाए चहुंओर
नई आशा जगमगाए
तुम्हारे लिए.
२
नवपल्लव नवजीवन झूमे हर
सपने को चूमे
तुम्हारे लिए.
३
नवसृजन की मिठास भर
दे मधु-उल्लास
तुम्हारे लिए.
४
उमंगों की स्वर्ण किरण
दे मन-नवचयन
तुम्हारे लिए.
५
तरंगों का रस दूर
करे हर कष्ट
तुम्हारे लिए.
६
मंगल प्रभात बेला भर
दे स्नेह अपार
तुम्हारे लिए.
७
नवपल्लव की छाँव निराली
दे हरियाली भाव
तुम्हारे लिए.
८
नवसृजन का दामन सदा
लाए स्वर्णिम क्षण
तुम्हारे लिए.
९
उमंगों की नाव अविराम
पार करे प्रवाह
तुम्हारे लिए.
१०
तरंगों का गान दे
नव-जीवन मान
तुम्हारे लिए.
११
स्वर्णिम मंगल बेला पुकारे
सुख-दीप उजियारे
तुम्हारे लिए.
१२
नवपल्लव नवजीवन मधुमास मुस्काए
हर पीड़ा हरसाए
तुम्हारे लिए.
१३
नवसृजन की राह भर
दे नव-चाह
तुम्हारे लिए.
१४
उमंगों की लय दे
शुभ-प्रेरणा नयी
तुम्हारे लिए.
१५
तरंगें मंद शीतल–सी
बांधें नव-हँसी
तुम्हारे लिए.
१६
मंगल बेला गाए प्रभाती
सुख-दिवस सजाए
तुम्हारे लिए.
१७
नवपल्लव का राग-रंग भर
दे चिर-आनंद
तुम्हारे लिए.
१८
नवसृजन का स्वर गूंजे
मिटे अमंगल सारे
तुम्हारे लिए.
१९
उमंगों की सुखद उड़ान
झंकारे नव-तान
तुम्हारे लिए.
२०
तरंगों की लय भरी
खुशियों की डोरी
तुम्हारे लिए.
#शब्दमेरेमीत
#डाक्टर महिमा सिंह



