साहित्य

धर्म ध्वजारोहण पर फायकू

महेजबीन मेहमूद राजानी

धर्म ध्वज जब लहराया
श्रद्धा सिर झुकाया
तुम्हारे लिए.

मन में जगा विश्वास
केसरिया हुआ आकाश
तुम्हारे लिए.

ध्वज ने राह दिखाई
आत्मा दीप जलाई
तुम्हारे लिए.

धर्म का हुआ सम्मान
जगा हृदय मान
तुम्हारे लिए.

नभ को छूता ध्वज
कटे संशय रज
तुम्हारे लिए.

धर्म की ऊंची शान
कल्याण का गान
तुम्हारे लिए.

धर्म ध्वज की शान,
सत्य बना पहचान
तुम्हारे लिए.

मिटा मन का अवसाद
लहराया जब विश्वास
तुम्हारे लिए.

ध्वज ने दिया संदेश
छूटे मन क्लेश
तुम्हारे लिए.

सत्य-अहिंसा का ज्ञान
केसरिया रंग महान
तुम्हारे लिए.

धर्म बने जब संबल
कटे सभी विकल
तुम्हारे लिए.

ध्वज की पावन रीत
मन जागी प्रीत
तुम्हारे लिए.

धर्म का हुआ उद्घोष
मिटा हृदय दोष
तुम्हारे लिए.

धर्म ध्वज का मान,
बना सबका आत्मसम्मान,
तुम्हारे लिए.

अयोध्या में हुआ प्रकाश
राम बने विश्वास
तुम्हारे लिए

मंदिर में विराजे श्रीराम
गूंजा भक्ति नाम
तुम्हारे लिए

राम-नाम रस बरसाए
केसरिया ध्वज लहराए
तुम्हारे लिए.

राम मंदिर की शान
भक्ति बनी पहचान
तुम्हारे लिए.

महेजबीन मेहमूद राजानी
सड़क अर्जुनी/महाराष्ट्र
9423415191

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