आलेख
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गाँव का बदलता परिवेश
आज कुएँ पर खड़ी स्त्रियांँ अपने काम के साथ-साथ ‘गाँव का दृश्य’ पर खुशी खुशी अपने विचार साझा कर रहीं…
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लघुलेख – एकल परिवार:उचित या अनुचित
आज के बढ़ते भौतिक युग में एकल परिवारों का प्रचलन बढ़ गया है।जिसे। किसी भी रुप में उचित नहीं कहा…
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जननाशौच और मरनाशौच :वैज्ञानिकतापूर्ण सनातन विधान
सनातन धर्म में शौच अर्थात् पवित्रता सिर्फ एक धार्मिक कृत्य नहीं,बल्कि सामाजिक-मानसिक और दैनंदिन अनुशासन का आधार है। जन्म और…
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रूह की आवाज
मनुष्य का जीवन केवल बाहरी अनुभवों का संग्रह नहीं है, बल्कि भीतर घटने वाली एक अनंत यात्रा है। इस यात्रा…
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भारत में बढ़ती असमानता: आय, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की रणनीतियां
भारत में बढ़ती असमानता: आय, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की रणनीतियां एसडीजी एजेंडा 2030 पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 2025…
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लेखन-कर्म यानि…….?
पिछले तीन चार दशकों से हाथ से लिखना काफी कम हो गया है। शिक्षा संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में हाथ…
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ये बंद खिड़कियांँ
हर शहर की अपनी कुछ अलग विशेषता है।मुंबई जैसे तमाम महानगरों की भी अपनी ही चाल है।जीवन में ठहराव नहीं…
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ख़ामोश, पढ़िये, गुनिए, मंथन करें और क्या कर सकते बताएं..!
21 नवंबर को सरकार ने मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को लागू करके मजदूर वर्ग पर सबसे बड़ा हमला किया…
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चिट्ठियों का अद्भुत संसार
एक जमाना थी चिट्ठियों का जब चिट्ठी पोस्ट मैन के माध्यम से आती थी। पोस्ट कार्ड, इनलैंड पेपर, लिफाफों के…
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डॉ रामशंकर चंचल की मसीहा आंचलिक उपन्यास , अनसुने उपेक्षित जीवन की आवाज़ है सागर जख्मी , प्रकाशक
आदिवासी अंचल की मिट्टी से उठी यह कथा केवल एक उपन्यास नहीं—यह उस जीवन का दस्तावेज़ है, जो हमारी मुख्यधारा…
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