आलेख
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आचार्य कुल की अवधारणा एवं पत्रकारों के लिए पत्रकारिता प्रकोष्ठ का आज के परिवेश में महत्व
भूमिका भारतीय सभ्यता में “आचार्य” का स्थान गुरु और पथप्रदर्शक के रूप में सर्वोच्च माना गया है। “कुल” अर्थात परिवार,…
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अन्नप्राशन संस्कार
भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को आरंभ से ही संस्कारों की पवित्र श्रृंखला से जोड़ा गया है। इन सोलह संस्कारों…
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जो लोग कहते हैं कि ब्राह्मण विदेशी हैं तो ध्यान पढ़ें —
1- यदि ब्राह्मण विदेशी होते तो मनुस्मृति तथा अन्य धर्मशास्त्रों में म्लेच्छदेश-गमन का विरोध क्यों किया गया? हमारे आचार्यों ने…
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मदरसी तालीम और आतंकवाद
वैसे तो आतंकवाद किसी धर्म की शिक्षाओं का परिणाम नहीं होता, बल्कि धर्म की विकृत व्याख्या से उत्पन्न कट्टरता का…
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मौलाना अबुल कलाम आजाद – एक व्यक्तित्व
श्रीमती लक्ष्मी चौहान ‘रोशनी’ भारतरत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवम्बर 1888 की मक्का में हुआ था।…
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गर्भसंस्कार: जीवन का प्रथम पावन संस्कार
गर्भसंस्कार जीवन के १६ संस्कारों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पावन संस्कार है। यह न केवल शिशु के शारीरिक…
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तार्किकता, स्वतंत्रता और मानवता : एक दार्शनिक विश्लेषण
वर्तमान युग में विज्ञान, धर्म और राजनीति—तीनों ही क्षेत्रों में तर्क और न्याय की भावना क्षीण होती जा रही है।…
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डॉ रामशंकर चंचल की साहित्य साधना फिल्म, सम्पूर्ण विश्व में चर्चित फिल्म
देश के इतिहास में एक और अद्भुत रचती झाबुआ मध्य प्रदेश के आदिवासी पिछड़े अंचल से डॉ रामशंकर चंचल की…
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वन्दे मातरम् :चेतना का नवजागरण
भारत एक बहुधर्मी और बहु भाषा देश है,जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अनुसार उपासना,साधना और वक्तव्य की…
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आत्म-संस्मरण : “छठ मैया से मेरा प्रथम परिचय”
उत्तर प्रदेश में पली-बढ़ी मैं, जहाँ दीपावली के बाद त्योहारी माहौल कुछ शांत हो जाता था, वहाँ “छठ” नामक पर्व…
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