साहित्य

  • फायकू

    नन्हे बच्चों की ठिठुरन हाथ मले धीरे तुम्हारे लिए लाल-लाल गाल चमकें ठंडी हवा संग तुम्हारे लिए धूप में बैठें…

    Read More »
  • फार्मों के नीचे दबती ज़िन्दगी

    (बीएलओ के दर्द पर एक नई, अप्रकाशित कविता) चुनाव के मौसम में फ़ाइलों का अंबार लगा, बीएलओ की मेज़ पर…

    Read More »
  • साँझ

    वो, साँझ का ढ़लना बड़ा सुहाना लगता है वो,सुनहरी आभा से धरा का नहाना, जाते हुए रेवड़ का धूल का…

    Read More »
  • बालगीत

    * हमारे आंगन का कोना लगे गौरैया बिन सूना * पंख पसारे वो आती थी बच्चों को भी संग लाती…

    Read More »
  • कुछ फायकू

    1 रंग बिखेरे आशा भरे, इस जीवन में । तुम्हारे लिए। 2 आँसू पोंछे और मुस्काया, दर्द छिपाया मैंने। तुम्हारे…

    Read More »
  • गीता सार 

    सुंदर गीता है रची, दे अर्जुन को ज्ञान । बता रहे श्री कृष्ण ये, होता कर्म प्रधान ।।   नीलम…

    Read More »
  • गीता जयंती

      कविता गीता के सात सौ श्लोक जीने की कला सिखाते हैं निष्काम कर्म करते रहो कह कर्मपथ पर सबको…

    Read More »
  • गीता जयंती पर दोहा मुक्तक

    गीता के हर श्लोक में,भरा ज्ञान का सार। पथ प्रशस्त करता सदा, करो इसे स्वीकार। गूढ़ तत्व के अर्थ को,…

    Read More »
  • श्री कृष्ण का ज्ञान अर्जुन का मोह भंग

    कंपित खड़े थे धनुर्धर अरि-मर्दन, हृदय थरथराता विवश पार्थ था। स्वजन-समीप खड़े प्रलय-संकट, करुणा-सुधा से भरा मार्त था। धर्म-युद्ध की…

    Read More »
  • गीता जयंती

    *गीता जयंती* (स्वरचित काव्य-रचना) *पद १* मार्गशीर्ष की एकादशी, पर्व पावन महान, ज्ञान दीप जलाने वाला, जीवन को दे ध्यान।…

    Read More »
Back to top button
error: Content is protected !!