आलेख
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महारास : सोम सुधा नि:सृत ‘गीत राधा माधव’
” रास ” शब्द का मूल है “रस”। रस स्वयं भगवान कृष्ण ही है इसलिए उन्हें ” रासो वै स:…
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शरद पूर्णिमा
अश्विन महीने की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। एक दिन पहले से ही इसकी तैयारियाँ…
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शरद् पूर्णिमा का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व
प्राचीन भारतीय वांग्मय और वेदों में जहां चंद्रमा मनसो जातो कहकर इसे मन का अधिष्ठाता कहकर संबोधित किया गया है…
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आचार्य शीलक राम जी के साहित्य में सांस्कृतिक चेतना
आचार्य शीलक राम का साहित्य केवल साहित्यिक मनोरंजन या वैचारिक विमर्श तक सीमित नहीं है, बल्कि उसमें भारतीय संस्कृति की…
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मानवीय मूल्यों-संवेदनाओं में वृद्धि करें व नैतिक क्षरण-ह्रास रोकें
संसार में जन्मा प्रत्येक व्यक्ति समाज की एक मूल्यवान इकाई है।इन्हीं विभिन्न इकाइयों से हमारा परिवार बना है। विभिन्न परिवारों…
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शरद पूर्णिमा और खीर का महत्व : अमृत बरसाती रात्रि में आरोग्य और आस्था का संगम
भारतीय परंपरा में शरद पूर्णिमा को अमृत बरसाने वाली रात्रि कहा गया है। यह वह समय होता है जब वर्ष…
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श्रीकृष्ण: भारतीय संस्कृति के महानायक कीशरद पूर्णिमा की महारास लीला
भारतीय संस्कृति और धर्म में भगवान श्रीकृष्ण का स्थान अद्वितीय है। वे केवल एक धार्मिक आस्था के प्रतीक ही नहीं,…
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शरद पूर्णिमा: १६ चन्द्र कलाएँ एवं महारास
शरद पूर्णिमा: १६ चन्द्र कलाएँ एवं महारासशरद पूर्णिमा: १६ चन्द्र कलाएँ एवं महारास *** सॉनेट शरत्चंद्र * शरत्चंद्र की शुक्ल…
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ढोल गंवार सूद्र पसु नारी:एक विवेचना
भक्त शिरोमणि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी की,सबसे प्रसिद्ध, चर्चित और विवादास्पद चौपाई है ढोर गंवार शूद्र पशु नारी सकल ताड़ना…
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आचार्य शीलक राम के साहित्य में सामाजिक चेतना
साहित्य समाज का दर्पण माना जाता है। किसी भी युग के लेखक का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है…
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